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मंच को नमन 🙏 उम्मीद और विश्वास का नाम पिता, मंझधार में पतवार बनता पिता । गिरने लगे बच्चें तो संभालता पिता , अंगुली पकड़ चलना सिखाता पिता। बेटी का अभिमान ...